१९५० से आरंभ हुआ था गणतंत्र परेड का।
पहले तो टीवी नहीं था, परेड के लिए रेडियो से सुनाते थे, क्रिकेट की
कोमेन्टरी की तरह।
फिर फिल्म देखने जाते थे, तब मुख्य
फिल्म के पहले खुली लाईटों में,
डोक्युमेटरी फिल्म कर के, दिखाते थे। फिर टीवी आ गया, पहले श्याम_श्र्वेत, फिर रंगीन
दूरदर्शन।
हम टीवी में देख सकते थे गणतंत्र परेड। यह घटना क्रम चलते-चलते
यकायक एक दिन गणतंत्र के दिन…
गुजरात के कच्छ प्रदेश में आ गया
था भूकंप। भूकंप ग्रस्त हो गये थे त्र्स्त। भूकंप विभाग खाली खाली।
२६/ १/२०२१/ के दिन, पहले
सोस्यल डीस्टनसींग के कारण,
दर्शक विभाग दिखाई दे रहा था
खाली खाली!!!
फिर, खालीस्थान वालों के कारण,
हो गया था चारों ओर त्राहि-त्राहि!
यह गणतंत्र के
दिवस के पहले
अयोध्या नगरी में रामल्ला को
५०० सालों के
बाद अपना प्यारा घर मिला है।
जो
अपने देश के फौजी ओ की तरह तंबू में,
रहते थे…
अपने देश की
रक्षा करते हुए!!!
फिर २२ जनवरी २०२४
के दिन…
पूरे विश्व में ,
भारतमाता का
नाम पूरे विश्व में,
प्रसिद्ध…
जय भारती,
जय भारती,
जय भारतीय
सभ्यता!!!
इसलिए तो…
यह साल,
गणतंत्र परेड
के दिन…
अस्सी प्रतिशत
मातृकाएं परेड
करने वाली है!!!
जय भारती।
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद