गणेश चतुर्थी पर करें इन मंत्रों का जाप, बनी रहेगी गणपति जी की कृपा.

गणेश चतुर्थी पर करें इन मंत्रों का जाप, बनी रहेगी गणपति जी की कृपा.

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय और विघ्न विनाशक कहा जाता है। इनकी पूजा करने से कार्यों में बाधाएं नहीं आती हैं और सभी काम सफलतापूर्वक पूरे होते हैं,।

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय और विघ्न विनाशक कहा जाता है। इनकी पूजा करने से कार्यों में बाधाएं नहीं आती हैं और सभी काम सफलतापूर्वक पूरे होते हैं। ऋद्धि-सिद्धि के दाता कहे जाने वाले भगवान गणेश की पूजा के लिए बुधवार का दिन सबसे अच्छा माना जाता है। इस दिन पूजा, व्रत और मंत्रों के जाप से श्री गणेश जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। भगवान गणेश की पूजा में मंत्रों का जाप करने से सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं और कई ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है।

हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं, जिनका जाप करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। इसी तरह भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए भी कुछ मंत्र बताए गए हैं, जिनका जाप करने से जीवन खुशियों से भर जाता है। इन मंत्रों का जाप करने वाले भक्तों पर गणेश जी की कृपा हमेशा बनी रहती है। जानिए गणेशजी के कुछ सरल मंत्रों के बारे में।

गणपति के 11 सरल और असरदार मंत्र

॥ ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धाय कुरु कुरु स्वाहा।

यह भगवान गणेश का सबसे सरल और प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र का सच्चे मन और श्रद्धा से जाप करने से कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येषु सर्वदा।

इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें और इस मंत्र का 7 से 21 बार जाप करें। अगर आप कोई नया काम शुरू कर रहे हैं तो हवन, पूजा, आरती से पहले इस मंत्र का जाप करें।ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दंतिः प्रचोदयात् ॥
इस मंत्र के जाप से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंति प्रचोदयात्।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्।
इस मंत्र का जाप एक निश्चित संख्या में यानि 1 से 10 माला तक किया जा सकता है।

यह मंत्र ‘ॐ ऐं ह्विम क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ बुध ग्रह से संबंधित है। कुंडली में बुध ग्रह के दोष को दूर करने के लिए बुधवार के दिन इस मंत्र का जाप करें।
‘ॐ नमो गणपतये कुबेर येकाद्रिको फट् स्वाहा।’
यह गणेश कुबेर मंत्र है, इस मंत्र का जाप आपको हर रोज एक माला यानि 108 बार करना चाहिए। इससे धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।
ॐ ग्लौं गौरी पुत्र, वक्रतुण्ड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौं गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति। संकट दूर करें।
इस मंत्र का जाप करने से घर के सभी कलह और परेशानियां दूर होती हैं। घर में खुशियां आती हैं और धन, धान्य, संपत्ति, समृद्धि, वैभव, विद्या, पराक्रम, शांति की प्राप्ति होती है।
‘इदं दुर्वादलम ओम गं गणपतये नमः’
पूजा में भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करें। भगवान गणेश को दूर्वा बहुत प्रिय है। दूर्वा चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करने से बप्पा प्रसन्न होते हैं।
‘ओम वक्रतुण्डिक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा’
इस मंत्र का जाप करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है, वे इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
ओम श्रीं गं सौभाग्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
इस मंत्र का जाप करने से नौकरी और व्यापार से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं।
ओम ह्रीं ग्रीं ह्रीं

यह मंत्र चार अक्षरों का सरल मंत्र है। भगवान गणेश की पूजा करते समय आप इस मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं। इससे सुख, धन और समृद्धि आती है।


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