*।। गुलिस्ता हमारा हिन्दुस्ता ।।**।। कवि- ‘शुकुन’ जयेश श्रीमाली पलियड । ।* ।।*
*।। गुलिस्ता हमारा हिन्दुस्ता ।।* गुलाम बनाया था हमको जिसने कभी, आज उनके तख्तोताज पर बैठे है अभी । जंजीरे तोड़ दी थी लहू बहाकर तभी, सर ना झुका है कभी ना झुकेगा कभी । ये बैखौफ़ हिंदुस्तान गणतंत्र है अभी, जो हिसाब बाकी नहीं रखता कभी । *जय माँ भारती जय आर्मी जय जय […]
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